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भौगोलिक तकनीक (Geographic Technology)

भौगोलिक तकनीक (Geographic Technology) - का मतलब है पृथ्वी की सतह से जुड़ी जानकारी को इकट्ठा करने, विश्लेषण करने, प्रबंधित करने और प्रस्तुत करने के लिए उपयोग की जाने वाली तकनीकें। इसे भू-स्थानिक तकनीक (Geospatial Technology) भी कहा जाता है।


1. GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली)-

      यह एक कंप्यूटर प्रणाली होती है जो नक्शों के रूप में सूचनाएँ इकट्ठा करती है, स्टोर करती है       और विश्लेषण करती है।

  • उपयोग: शहर की योजना बनाना, जल स्रोतों का प्रबंधन, आपदा प्रबंधन आदि।

2. GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम)-

       यह एक उपग्रह-आधारित प्रणाली है जिससे किसी भी स्थान का सटीक पता लगाया जा सकता है।

  • उपयोग: Google Maps, वाहन ट्रैकिंग, मोबाइल नेविगेशन, सेना में दिशा निर्धारण।

3. Remote Sensing (दूरसंवेदी तकनीक)-

   यह तकनीक उपग्रहों या ड्रोन की मदद से पृथ्वी की सतह की जानकारी लेती है।

  • उपयोग: फसल की निगरानी, जंगलों का सर्वेक्षण, पर्यावरणीय बदलाव का अध्ययन।

4. Cartography (नक्शानिर्माण कला)-

   नक्शे बनाना और उन्हें डिजाइन करना।

  • उपयोग: भूगोल पढ़ाई में, यात्री मार्गदर्शन, ऐतिहासिक और प्रशासनिक नक्शे बनाना।

5. Geospatial Technology (भू-स्थानिक तकनीक)-

    यह ऊपर बताए गए सभी तकनीकों (GIS, GPS, Remote Sensing) का संयुक्त नाम है।

  • उपयोग: प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, भूमि उपयोग की योजना, सुरक्षा और रक्षा।

 


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